लोटन मट्ठा दूध
कुंडलिया छंद…
लोटन मट्ठा दूध ले, पीट रहे सिर आप।
महँगाई से बढ़ रहा, भाग्यवती का ताप।।
भाग्यवती का ताप, सँभालें कैसे खर्चा।
संसद में खिलवाड़, बंद है इस पर चर्चा।।
बढ़ते हरदिन दाम, देख झल्लाते छोटन।
‘राही’ सबको दर्द, नहीं बतलाते लोटन।। 600
डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’