Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2024 · 1 min read

लोग समझते हैं

लोग समझते हैं
मैं अकेला घुट घुट के मर जाऊँगा यूँ ही
मैं अकेला कहाँ
मेरी तन्हाईयां मेरे साथ हैं हर घड़ी

1 Like · 104 Views
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

बुर्जुर्ग सुरक्षित कैसे हों।
बुर्जुर्ग सुरक्षित कैसे हों।
manorath maharaj
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
Ravikesh Jha
काव्य में अलौकिकत्व
काव्य में अलौकिकत्व
कवि रमेशराज
★मां ★
★मां ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
पूर्वार्थ
मजदूर दिवस पर एक रचना
मजदूर दिवस पर एक रचना
sushil sarna
“भोर की पहली किरण , ह्रदय को आनन्दित करती है ,
“भोर की पहली किरण , ह्रदय को आनन्दित करती है ,
Neeraj kumar Soni
कब बिछड़कर हम दोनों हमसफ़र हो जाए
कब बिछड़कर हम दोनों हमसफ़र हो जाए
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एकाकीपन
एकाकीपन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
- अपनो के लिए जीना जीवन दुश्वार कर गया -
- अपनो के लिए जीना जीवन दुश्वार कर गया -
bharat gehlot
*बहुत सुंदर इमारत है, मगर हमको न भाती है (हिंदी गजल)*
*बहुत सुंदर इमारत है, मगर हमको न भाती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मेरी जिंदगी तो बस चल रही है।
मेरी जिंदगी तो बस चल रही है।
Rj Anand Prajapati
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
😢आज की आवाज़😢
😢आज की आवाज़😢
*प्रणय*
कभी-कभी अकेला होना
कभी-कभी अकेला होना
Chitra Bisht
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
AE888 mang đến trải nghiệm cá cược trực tuyến đỉnh cao. nhiề
AE888 mang đến trải nghiệm cá cược trực tuyến đỉnh cao. nhiề
AE888
डूबते जहाज में था तो
डूबते जहाज में था तो
VINOD CHAUHAN
कहां से लाऊं शब्द वो
कहां से लाऊं शब्द वो
Seema gupta,Alwar
समय (कविता)
समय (कविता)
Indu Singh
तू मिला जो मुझे इक हंसी मिल गई
तू मिला जो मुझे इक हंसी मिल गई
कृष्णकांत गुर्जर
रावण जल जाता
रावण जल जाता
surenderpal vaidya
कर्म
कर्म
लक्ष्मी सिंह
मैं पतंग तू मांजा...
मैं पतंग तू मांजा...
Manisha Wandhare
"गुनाहगार"
Dr. Kishan tandon kranti
गांधी जयंती..
गांधी जयंती..
Harminder Kaur
3003.*पूर्णिका*
3003.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मत करो हमसे यह परदा
मत करो हमसे यह परदा
gurudeenverma198
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Lonely is just a word which can't make you so,
Lonely is just a word which can't make you so,
Chaahat
Loading...