लोगों को जो कहना है ,
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(गज़ल)
हम तुमको कैसे भूल पायें, लोगों को जो कहना हैं सो कहें,।
जब हम थे अकेले तुम आये मैरे पास,।
मायूंसी को समझा तुमनें,और दिल में उतर गये,।
राहें थी वीरान मैरी, तुम साथ राहों में चल गये,।
हम तुमको कैसे भूल पायें, लोगों को जो कहना हैं सो कहें,।।
तुम आये हो जिंदगी में मैरी ,और मुझको समझ गये,।
लोगों ने दिया हैं दर्द,उसको तुम ही निगल गये,।
मायूसी थी चेहरे पर मैरे, तुम उसको खुशियों में बदल गये,।
सारे निकले मतलबी , तुम क़दमों से क़दम चल गये,।
हम तुमको कैसे भूल पायें, लोगों को जो कहना हैं सो कहें,।।।
हम तुम रहें एक साथ,तो लोगों के दिल जल गये,।
जिसने कहां भला बूरा , तुम उससे लड़ गये,।
रहेंगे हम यादों याद , ऐसा कुछ कर गूजर गये,।
हम तुमको कैसे भूल पायें, लोगों को जो कहना हैं सो कहें,।।।।
लेखक—Jayvind singh Ngariyaa ji