# लोकतंत्र …..
# लोकतंत्र ……..
सफेदपोश गिद्ध आयेंगे
रचकर भयानक षड्यंत्र …
लोकतंत्र को कमजोर करने
मजबूत बनाने राजतंत्र….
संसद से निकाल ले जाएंगे
और उसे पहाड़ पर बड़े मजे से …
नोच-नोच कर खाएंगे
खतरे में पड़ा लोकतंत्र…
सफेदपोश चोर आएगा तो
लोकतंत्र को ही चुराएगा …
सफेदपोश जुआरी
लोकतंत्र पर ही दांव लगाएगा …
सफेदपोश ऋषि आएंगे तो
दान में माँगेंगे लोकतंत्र …
चुनावी आंधी आएगी तो
लोकतंत्र ही उड़ाएगी…
झूठे वादों से लबरेज
बारिश भिगोएगी लोकतंत्र…
दंगे-फसाद की आग आएगी
बुरी तरह जलाएगी लोकतंत्र…
कसी जाएंगी बेड़ियां
लगाम इस पर ही लगाई जायेंगी …
सफेदपोश सांप आएगा
तो लोकतंत्र को ही डसेगा …
सफेदपोश झींगुर आएंगे
तो चाटेंगे लोकतंत्र …
सफेदपोश कीड़े
लोकतंत्र ही काटेंगे …
प्रलय के दिनों में
लोग अपने रिश्तेदार , घर बचाएंगे …
कोई सोना , कोई चांदी बचाएगा
कोई यहां से चला , कोई रह जाएगा …
सप्तऋषि , यक्ष , गंधर्व
अश्वनी , मनु और मीन ..
सब वेद बचाएँगे
कोई नहीं बचाएगा लोकतंत्र…
कोई रूस बचाएगा
कोई अमेरिका बचाएगा…
कोई जापान बचाएगा
कोई चीन बचाएगा…
बेबस , निस्सहाय
मैं निपट अकेला ..
कैसे बचाऊँगा
अपने देश का लोकतंत्र …….?
चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)