लोकतंत्र का महापर्व
पहले हम कर्तव्य निभाकर, फिर पीछे जलपान करेंगे।
लोकतंत्र के महापर्व पर, हम अपना मतदान करेंगे।।
हम भी सैनिक भारत माँ के, अपना फर्ज निभायेंगे,
अपनी यह लघु आहुति से कुछ अपना कर्ज चुकायेंगे ।
समरसता है संस्कृति अपनी, सबका हम सम्मान करेंगे,
लोकतंत्र के महापर्व पर, हम अपना मतदान करेंगे।।
देखो करवट बदल रहा है मेरे भारत का इतिहास,
देश प्रगति के शिखर चढ़ेगा, मन में है पूरा विश्वास।
विश्व पटल पर गौरव गूँजे, भारत माँ का ध्यान करेंगे,
लोकतंत्र के महापर्व पर, हम अपना मतदान करेंगे।।
देश-धर्म को घातक जो, बाहर की राह दिखायेंगे,
बने कपटमृग आज फिर रहे, उनको सबक सिखायेंगे ।
बाहर कुछ और अंदर कुछ हैं, उनकी भी पहचान करेंगे।
लोकतंत्र के महापर्व पर, हम अपना मतदान करेंगे।।
जग भी देख रहा है अपने भारत को टकटकी लगाए,
चाहें हम भी गौरव इसका विश्वपटल पर जगमग छाये ।
देश का मस्तक ऊँचा होगा, ऐसा नवनिर्माण करेंगे ।
लोकतंत्र के महापर्व पर, हम अपना मतदान करेंगे।।
✍️- नवीन जोशी ‘नवल’