लोकतंत्र का मज़ाक
आख़िर यह क्या मज़ाक है!
आख़िर यह क्या तमाशा है!!
लोकतंत्र के कांधे पर ही
आज देश का जनाजा है!!
जुझ रही है सारी जनता
रोज़ नई मुश्किलों से मगर!!
सरकार का हर कारनामा
अपने आपमें एक धमाका है!!
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