लॉक डाउन से अन-लॉक 1.0
अभी मत सोचो कोई बात नहीं,
अन-लॉक 1.0 में भयभीत होने वाली कोई बात नहीं।
यह तो आपदा काल है,
इतनी आसानी से होते सामान्य हालात नहीं।
कहानी की सीख क्या होगी कौन जाने ,
अभी तो गुज़री गम की रात नहीं।
अभी तो चले हैं कुछ कदम,
रास्ता कैसा है मालूमात नहीं।
चांद ने भी बदला है आज रंग,
ऐसी देखी कभी कायनात नहीं।
दर्द का काफिला निकल पड़ा,
आदमी तो है पर इंसानियत की जात नहीं।
सोशलडिसटिंग, मासक और हाथ धोने का रखना है खयाल ,
याद रखना संक्रमण को पूर्ण रूप से दे पाए हम अभी मात नहीं।
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अरुणा डोगरा शर्मा,
पंजाब।