लॉकडाउन में बेटी की विदा
नहीं बैंड बाजे बाराती, कर दी शादी सुनसान में
रह गए सब अरमान धरे, इस कैरोना काल में
कर दी बिटिया विदा, रस्म निभा लाक डाउन में
क्या-क्या सपने देखे थे, रह गए अधूरे साल में
जैंसे तैंसे पड़ी भांवरें, इस कैरोना काल में
पहुंच ना पाए सगे संबंधी, आफत के इस हाल में
ना घोड़ी ना बारात लगी, ना धूमधाम इस हाल में
नैनो में थे अश्रुबिंदु, दिल था ढेर दुआओं में
जाओ बिटिया सुखी रहो, सब सुख हो नव संसार में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी