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14 May 2023 · 1 min read

लॉकडाउन के बाद नया जीवन

इतिहास की ये त्रासदी,
मानव कैसे भूल गया है?
कोरोना के दिनों में सब,
घर से निकलना भूल गया।

लॉकडाउन में मानव ने
ये भी तो सीखा होगा..
बंद पिंजरे में लगता है कैसे?
इंसान भी अब समझा होगा!
हर वो पंछी जो है कैद,
सांस कैसे लेता होगा ?

पंख होते हुए भी
उड़ नहीं सकते थे,
ये दुःख कैसे सहता होगा !
बंद कमरे में जकड़ा इंसान,
कीमत खुद की समझा होगा !

पैसा ही नहीं होता सब कुछ,
रिश्तों की अहमियत
जान गया होगा!
तरसते है,
अपने लोग अपने लिए,

घर रह कर उसने
पहचान लिया होगा !

स्कूल,कालेज,कोंचिंग,
सिनेमा हाल,बाजार बंद थे।
नानी,मौसी के यहाँ जाना था,
लेकिन हम सब नजरबंद थे।

हमारे कदमों में अब
जान आ रही है,
नन्हे – नन्हें पँखो में
उड़ान आ रही है।

ईश्वर ने हमें पुनः उपहार दिया,
इस महामारी से बाहर निकाला।
चलों हम सब कुछ करके दिखाए,
इस नव जीवन को सार्थक बनाए।

Language: Hindi
1 Like · 189 Views
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