Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2020 · 1 min read

लेखनी

लाज नारी की बचाती लेखनी
दर्द की गाथा सुनाती लेखनी

खींचता है जब दुशासन वस्त्र को
द्रौपदी का पट बढाती लेखनी

संस्कारों के जले पुतले जहाँ
नर युवाओ को थुकाती लेखनी

देश जाये जब पतन की राह पर
मार्ग रोड़ो को हटाती लेखनी

कब मिले फाँसी किये अपराध की
सत्य तथ्यों को छिपाती लेखनी

74 Likes · 1 Comment · 370 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
दरकती ज़मीं
दरकती ज़मीं
Namita Gupta
बाल कविता: तोता
बाल कविता: तोता
Rajesh Kumar Arjun
"टूटने के लिए कुछ होना भी तो चाहिए। फिर चाहे वो आस हो, विश्व
*प्रणय*
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
Ashwini sharma
मैं नास्तिक क्यों हूॅं!
मैं नास्तिक क्यों हूॅं!
Harminder Kaur
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
Dr Tabassum Jahan
" हरेली "
Dr. Kishan tandon kranti
अंगदान
अंगदान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
लक्ष्य प्राप्त होता सदा
लक्ष्य प्राप्त होता सदा
surenderpal vaidya
सपनो का सफर संघर्ष लाता है तभी सफलता का आनंद देता है।
सपनो का सफर संघर्ष लाता है तभी सफलता का आनंद देता है।
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हास्य कुंडलिया
हास्य कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अगर आपके पास निकृष्ट को अच्छा करने कि सामर्थ्य-सोच नही है,
अगर आपके पास निकृष्ट को अच्छा करने कि सामर्थ्य-सोच नही है,
manjula chauhan
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
gurudeenverma198
दीपावली
दीपावली
Deepali Kalra
मन
मन
Ajay Mishra
3224.*पूर्णिका*
3224.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
होकर उल्लू पर सवार
होकर उल्लू पर सवार
Pratibha Pandey
तुमसे मोहब्बत है
तुमसे मोहब्बत है
Dr. Rajeev Jain
लोग कहते है तुम मोहब्बत में हारे हुवे , वो लोग हो !
लोग कहते है तुम मोहब्बत में हारे हुवे , वो लोग हो !
Surya Barman
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
मेरे अशआर
मेरे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
जख्म भरता है इसी बहाने से
जख्म भरता है इसी बहाने से
Anil Mishra Prahari
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
Shweta Soni
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
sushil sarna
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
राजू और माँ
राजू और माँ
SHAMA PARVEEN
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
Swami Ganganiya
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...