लेखनी
बेशक हर तरह की कलम खरीदी जा सकती है। आज एक रुपया से लेकर हजारों रुपये तक की कलम उपलब्ध है। सोने, चांदी, प्लैटिनम और हीरे जड़ित कलम भी बाजार में आ चुकी है। लेकिन सच्ची शोहरत महंगी कलम से नहीं, वरन् खुद के हुनर और लेखन की कला से प्राप्त होती है।
आप ऐसा कदापि न लिखें कि वह युद्ध, अशान्ति और ध्वंस का कारक बने; अथवा धर्मभीरुता, अन्धविश्वास और पाखण्डपूर्ण आचरण को बढ़ावा दें। यह ध्यान रहे कि तर्क और विज्ञान पर लेखनी ही आपको अद्वितीय स्थान प्रदान करेगी। कलम की अभिलाषा इन पंक्तियों में छुपी हुई है :
फ़ख़्र से मैं भर जाऊँ
काम वो कर जाना तुम,
समता बन्धुत्व न्याय को
दसों-दिशि फैलाना तुम।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
अमेरिकन एक्सीलेंट अवार्ड प्राप्त।