*लिव-इन में अब रह रहे, लड़का-लड़की संग (कुंडलिया)*
लिव-इन में अब रह रहे, लड़का-लड़की संग (कुंडलिया)
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लिव-इन में अब रह रहे, लड़का-लड़की संग
नया चलन यह देखिए, नूतन इसका रंग
नूतन इसका रंग, न रिश्ता पत्नी-पति का
दो हों चाहे चार, दिवस यह अपनी मति का
कहते रवि कविराय, रोज ही गिनिएगा दिन
कब होती शुरुआत, खत्म कब होता लिव-इन
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मति = बुद्धि
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451