लिख लिख इश्को आशिकी में तेरी l
लिख लिख इश्को आशिकी में तेरी l
तेरा हुश्न संवारें रहते है ll
ताल्लुक हसीं यादों से रहता है l
धडकन तड़पन बढ़ाये रहते है ll
हिज्र में मिटा, तारीख ए जंत्री l
हम, इंतजार घटाये रहते है ll
इश्क में कभी मन मलीन नहीं हो l
हम मन मुटाव मिटाये रहते है ll
भूल कर भी इश्क, भूल ना पायें l
हम सहज प्यास, जुटाये रहते है ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न