लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
जिंदगी की जवानी अलग बात है ।
आंखों का ये पानी अलग बात है
मेरी अधूरी कहानी अलग बात है ।।
उसका मुस्कुराना बड़ी बात है
उस पर इतराना अलग बात है ।
रूठना मनाना अलग बात है ,
हमें पागल बनाना गलत बात है।।
यू पर्दा हटाना गलत बात है…
यह आना जाना अलग बात है ।
पास आने का कर बहाना कोई
बारिश में नहाना अलग बात है।।
उसके हाथों में स्वाद है ही अलग
हाथों से खिलाना अलग बात है ।
नींद आ जाएगी ये माना मगर
बाहों में सुलाना अलग बात है ।।
वो सपनो मे आना अलग बात है
छूकर के जाना अलग बात है ।
बचपन की यादें है अपनी अलग
उसका छुपना छुपाना अलग बात है।।
साथ बैठे हो दो पक्षी किसी डाल पर
उनको इस तरह उड़ाना गलत बात है
जिंदगी के और भी कई मुद्दे हैं मगर
मोहब्बत की कहानी अलग बात है
हो गर्दिश के हों कई मौसम भले ,
गर्दिश में कोई सानी अलग बात है
पूरी ये जिंदगानी अलग बात है
ये पागल जवानी अलग बात है ।।
✍️Kavi Deepak saral