लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
हर बालक बन जाए कृष्ण, दुनिया प्रेममयी हो जाए
हर मन बन जाए वृंदावन, राग-द्वेष समन हो जाए
शांति प्रेम के मधुबन में, सारी दुनिया रास रचाए
हिंसा का मर जाए कंस, गीत अमन के जन-जन गाए
आतंक मुक्त धरा सारी, प्रेम प्रीत के सुमन खिलाए
कट जाएं अज्ञान की रातें, भोर सुनहरी आ जाए
पूर्ण चंद्र खिल जाए मन का, महारास जग पर छा जाए
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
हर बालक बन जाए कृष्ण, दुनिया प्रेममयी हो जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी