लिख देना
नफरतों के बाजारों में तुम प्यार लिख देना
बिखरती जुल्फ को मेरा सलाम लिख देना
अगर लिखना है तुमको तो मेरी तुम बात सुन लेना
जमाने मे मोहबत को इबादत सी लिख देना
जमाने को नजर भरके तुम्हे बस देखना ही है
अदावत से भी भारी है ये प्यार लिख देना
हिमालय की बुलंदी पर जो मेरा भाई बैठा है
हवाओ जाके तुम सरहद पे सलाम कह देना
जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान दे दी है
सहादत पे मेरा प्यारे जय हिंद लिख देना
कि जिन माओ ने बेटो को कुर्बान कीना है
उन्हें तुम देश की रक्षा में महान लिख देना
कभी लिखना हो तुमको तो देश पे लिखना
शहीदों की चिताओ का यशगान लिख देना
ऋषभ जीना हो मरना हो या कुछ और करना हो
वतन के नाम तुम अपनी जान लिख देना
जय हिंद