लिखू क्या……
लिखू क्या
जो तन मन मे पिरो जाये………
धूप भरे इस मौसम मे
सावन का गीत हो जाये
गजल लिखू या शायरी लिखू
बस लिखू वही जिमसे तेरा नाम आ जाये
लिखू क्या
जो तन मन मे पिरो जाये……..
गायक का गीत लिखू
जिसमे हर पल नया वाचन हो जाये
किसी वीणा की मधुर आवाज लिखू
जिसमे बस तेरी ही आवाज निकल कर आये
लिखू क्या
जो तन मन मे पिरो जाये………….
किसी लेखक की किताब लिखू
जिसमे हर शब्द मे तेरा नाम आये
सोचता हू कोई ऐसा गीत लिखू
जिसके हर शब्द मे तेरी गुनगुनाहट आये
लिखू क्या
जो तन मन मे पिरो जाये
वक़्त मे तक़दीर लिखू
ताकि तू ही तकदीर बन जाये
बस लिखू तो उस वक़्त को ही लिखू
जिस वक़्त तू पास आ जाये