Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2023 · 2 min read

लिखित फरमान

हास्य
लिखित फरमान
***************
कल रात यमराज का दूत मेरे पास आया
बड़े विश्वास से यमराज का फरमान सुनाया
बड़े आत्मविश्वास से मैंने भी
उसे अकड़ दिखाया और लिखित फरमान मांग बैठा।
दूत को इसका गुमान न था
वो हड़बड़ाया और खुद से शरमाया
वो सोचने लगा यमराज ने मुझे कहां फंसा दिया।
मैंने अपना प्रश्न दोहराया
लिखित फरमान की मांग दुहराया।
उसने सम्मान से सिर झुकाया
अपने हाथ खड़े कर बताया
सिर्फ मौखिक फरमान पर हुकुम बजाने आया।
मैं भी ताव में आ अकड़ गया
मौखिक फरमान का क्या मतलब है
कल को यमराज मुकर जाय तो मेरा क्या होगा?
तो हे यमदूत मेरी मांग यमराज तक पहुंचा दो
मेरा समय पूरा हो गया है यही लिखवाकर ला दो
मैं नियम कानून से चलने वाला आदमी हूं
जीवन भर मैंने नियम कानून का पालन किया
तो मौखिक आदेश पर तुम्हारी बात कैसे मान लूं?
मेरा आत्मविश्वास अब भी कमजोर नहीं है
अपने बाप, बीबी, अधिकारी या सरकार का
जब मौखिक फरमान मैंने नहीं माना
तो यमराज बड़ा सयाना है क्या?
मुझे उसका फरमान नहीं मानना
मुझे ले चलना चाहते हो तो अभी जाओ
और अभी हाथों हाथ
नाम, पदनाम, सहित हस्ताक्षर दिनांक मुहर सहित
डिस्पैच नं के साथ आदेश की मूल प्रति लेकर आओ।
तब तक मैं तुम्हारा यहीं इंतजार करुंगा
इस गलतफहमी में मत रहना कि मैं
तुमसे नहीं तो यमराज से डर जाऊंगा,
मेरा आत्मविश्वास बहुत मजबूत है प्यारे
यमराज भी आ जाय तो भी बिना लिखित आदेश के
उसे भी ठेंगा ही दिखाऊंगा,
आज तक सबको झुकाया है तो
यमराज को भी हर हाल में झुका दूंगा,
मैं नहीं चाहता भंग हो
हमारे समाज की कानून व्यवस्था
या फिर हो कोई पंगा या दंगा।
यमदूत हैरान परेशान हो गया,
मेरे कदमों में झुका, फिर सीधा होकर
चुपचाप वापस लौट गया,
मैं फिर अपने आत्मविश्वास से
अपनी दुनिया में मस्त हो गया।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
८११५२८५९२१
© मौलिक स्वरचित

Language: Hindi
1 Like · 205 Views

You may also like these posts

असीम सृष्टि
असीम सृष्टि
Meenakshi Madhur
काजल की महीन रेखा
काजल की महीन रेखा
Awadhesh Singh
एक कविता उनके लिए
एक कविता उनके लिए
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
बिरखा
बिरखा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जिंदा रहने के लिए
जिंदा रहने के लिए
Sudhir srivastava
भेदभाव का कोढ़
भेदभाव का कोढ़
RAMESH SHARMA
गर तू गैरों का मुंह ताकेगा।
गर तू गैरों का मुंह ताकेगा।
Kumar Kalhans
पुश्तैनी दौलत
पुश्तैनी दौलत
Satish Srijan
*शिव विद्यमान तुम कण-कण में, प्रत्येक स्वरूप तुम्हारा है (रा
*शिव विद्यमान तुम कण-कण में, प्रत्येक स्वरूप तुम्हारा है (रा
Ravi Prakash
दृष्टिकोण
दृष्टिकोण
Dhirendra Singh
आजा रे अपने देश को
आजा रे अपने देश को
gurudeenverma198
*प्रेम नगरिया*
*प्रेम नगरिया*
Shashank Mishra
ये ज़िंदगी
ये ज़िंदगी
Shyam Sundar Subramanian
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आते रदीफ़ ## रहे
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आते रदीफ़ ## रहे
Neelam Sharma
एक औरत की ख्वाहिश,
एक औरत की ख्वाहिश,
Shweta Soni
हम सा भी कोई मिल जाए सरेराह चलते,
हम सा भी कोई मिल जाए सरेराह चलते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
2470.पूर्णिका
2470.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
#कुछ_भी_कहीं_भी_मतलब_बेमानी
#कुछ_भी_कहीं_भी_मतलब_बेमानी
*प्रणय*
अटल का सुशासन
अटल का सुशासन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
Neeraj Mishra " नीर "
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
डॉ० रोहित कौशिक
‌‌भक्ति में शक्ति
‌‌भक्ति में शक्ति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
15🌸बस तू 🌸
15🌸बस तू 🌸
Mahima shukla
This is Today
This is Today
Otteri Selvakumar
कौन हूं मैं?
कौन हूं मैं?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ऐ .. ऐ .. ऐ कविता
ऐ .. ऐ .. ऐ कविता
नेताम आर सी
नदियां
नदियां
manjula chauhan
न रोको यूँ हवाओं को...
न रोको यूँ हवाओं को...
Sunil Suman
आषाढ़ के मेघ
आषाढ़ के मेघ
Saraswati Bajpai
Loading...