लाल में तुम ग़ुलाब लगती हो
लाल में तुम ग़ुलाब लगती हो
पीले में तुम मीठा आम लगती हो
लड़की तुम खास दिखती हो
दिल के मेरे बेहद पास रहती हो
आँखे हैं चितचोरनी-सी
चलती हो लगे मोरनी-सी
काले में तुम कत्ले आम करती हो
White में तुम चाँद दिखती हो
लड़की तुम बबाल लगती हो
गुस्से में और भी कमाल लगती हो
रोते हुए बरसात लगती हो
हस जाओ तो बेहिसाब लगती हो
नीले में तुम आसमान लगती हो
हरे में तुम तीख़ी मिर्ची लगती हो
लड़की हो या इन्द्रघनुष हो तुम
मुझकों तो रंगों का बाग दिखती हो
सोचा हुआ अरमान लगती हो
छोटे बच्चे की तुम मुस्कान लगती हो
Danis की तुम ज़ान लगती हो
✍️ D.k math