लाल पतंग
उड़ा रहा है आसमान में
सोनू अपनी लाल पतंग।।
देख-देख खुश होता मोनू
कितना प्यारा इसका रंग।।
चीनू , गोलू , ढोलू , भोलू
पतंग उड़ाते हैं मिलकर।
एक दूजे से पेंच लड़ाते
मजे करे हैं सब छत पर।।
भोलू की कट गई पतंग
वह तो चीनू ने काटी।
भोलू, चीनू करें लड़ाई
भोलू लाया है लाठी।।
मम्मी दौड़ी, पापा दौड़े
फिर भोलू को समझाया।
खेल, खेल है खेल-सा खेलो
पापा ने ये सिखलाया।।
भोलू हुआ बहुत शर्मिंदा
चीनू चार पतंगे लाया।
भोलू को की भेंट पतंगें
तब उसको रोना आया।।
रूठेगें न कभी किसी से
मन में ठानी ये सबने।।
दोस्ती सबसे प्यारी होती।
दोस्त मिलाए हैं रब ने।।
विजय बेशर्म