लालच भरी दुनिया
लालच से भरी दुनिया, यह लालच से भरी दुनिया है जनाब, जरा बचके रहना।
हम भी कहे तो क्या कहे, ना है कोई अपना ना किसी का सगा है यहां कोई।
जिंदगी अपनी आबाद करने के लिए ,यहां कर रहा है हर किसी के जिंदगी हर कोई बर्बाद, यह दुनिया लालच से भरी हो गई है जनाब।
लोग कह रहे हैं लालच मे, यह भी मेरा ,वह भी मेरा ,वह भी मेरा, वाह लालच वाह हर तरफ तेरा ही चल रहा यहां डेरा।
मानव मरता मरता मर गया ,पर लालच को मारना पाया, यह महल दौलत यह रह गए, पर लालच को ना छोड़ पाया।
✍️ वंदना ठाकुर ✍️