“लाजिमी”
“लाजिमी”
कार्यपालिका हो
विधायिका हो
चाहे न्यायपालिका हो
जनता ही सबकी स्वामिनी है,
आईने के सम्मुख
सबका खड़े होना
आज बेहद लाजिमी है।
“लाजिमी”
कार्यपालिका हो
विधायिका हो
चाहे न्यायपालिका हो
जनता ही सबकी स्वामिनी है,
आईने के सम्मुख
सबका खड़े होना
आज बेहद लाजिमी है।