लाचार व्यवस्था
दिनांक 10/6/19
विधा छंदमुक्त कविता
दुर्योधन के चुंगल में फंसी
द्रोपदी देखे आस
पांडव बैठे सिर झुकाए
कृष्ण ने किया उपाय
घूमते समाज में भेड़िये
बच्चियाँ है लाचार
न दिखे कोई रास्ता
जनता ही करे उपाय
फैला भ्रष्टाचार देश में
हर तरफ जन लाचार
हो कोई ईमानदार
तो करें रोक पर विचार
माँ बाप परेशान औलाद से
इज्ज़त का न ध्यान
करो मिल कर उपाय
हो उनका सम्मान
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल