(((लहू की उष्णता)))
लहू की उष्णता
// दिनेश एल० “जैहिंद”
अब हमें न मौन रहना है और न अब कुछ सहना है !
सीधे घुसके घर में बैरियों का शीश कलम करना है !!
जीना है या मरना है नहीं किसी से अब तो डरना है !
डाल हाथ हलक में तन से प्राण हमें अब हरना है !!
कुछ भी बोलो कुछ भी कहो देश हित की बात करो !
राजनीति की पटरी से हटकर सैनिकों का साथ करो !!
आतंकी – आतंकवाद को जड़ समेत अब नाश करो !
चुन-चुनके, गिन-गिनके एक-एक की बंद साँस करो !!
देर न हो निर्णय में सेना नायको तत्काल निर्णय करो !
सैन्य हित में देश हित में देशवासियों को अभय करो !!
दुश्चक्र को नेस्तनाबूद करके पाकिस्तान का क्षय करो !
नाम मिटा कर पाकिस्तान का हिन्दुस्तान में लय करो !!
खुलकर आओ राजनीतिज्ञो अपनी मंशा साफ करो !
देश संग या जयचंदों के साथ मत अपना आज करो !!
इस पार या उस पार तत्क्षण निर्णय अपने आप करो !
सहयोग देकर सरकार को अब पुण्य एक काज करो !!
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दिनेश एल० “जैहिंद”
15. 02. 2019