Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2024 · 1 min read

“लहर”

“लहर”
लहरें किनारों से टकराकर
क्यूँ पलट जाती है,
करती है बेवफाई या
समन्दर से वफ़ा निभाती है?

2 Likes · 3 Comments · 88 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
एक चतुर नार
एक चतुर नार
लक्ष्मी सिंह
अनपढ़ प्रेम
अनपढ़ प्रेम
Pratibha Pandey
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Sakshi Tripathi
दोस्ती में हम मदद करते थे अपने यार को।
दोस्ती में हम मदद करते थे अपने यार को।
सत्य कुमार प्रेमी
आज, नदी क्यों इतना उदास है.....?
आज, नदी क्यों इतना उदास है.....?
VEDANTA PATEL
*
*"गुरुदेव"*
Shashi kala vyas
Ignorance is the shield
Ignorance is the shield
Chitra Bisht
किसी मुस्क़ान की ख़ातिर ज़माना भूल जाते हैं
किसी मुस्क़ान की ख़ातिर ज़माना भूल जाते हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
AE888 - Nhà Cái Cung Cấp Nhiều Phương Thức Thanh Toán Tiện L
AE888 - Nhà Cái Cung Cấp Nhiều Phương Thức Thanh Toán Tiện L
AE888
अपना-अपना भाग्य
अपना-अपना भाग्य
Indu Singh
एक लड़की एक लड़के से कहती है की अगर मेरी शादी हो जायेगी तो त
एक लड़की एक लड़के से कहती है की अगर मेरी शादी हो जायेगी तो त
Rituraj shivem verma
🙅सनद रहै🙅
🙅सनद रहै🙅
*प्रणय*
तुझसे है कितना प्यार
तुझसे है कितना प्यार
Vaishaligoel
"रहमत"
Dr. Kishan tandon kranti
लौट कर न आएगा
लौट कर न आएगा
Dr fauzia Naseem shad
My life's situation
My life's situation
Chaahat
पिछले पन्ने भाग 1
पिछले पन्ने भाग 1
Paras Nath Jha
अभी भी बहुत समय पड़ा है,
अभी भी बहुत समय पड़ा है,
शेखर सिंह
3300.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3300.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*अपना है यह रामपुर, गुणी-जनों की खान (कुंडलिया)*
*अपना है यह रामपुर, गुणी-जनों की खान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
पूर्वार्थ
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
मुस्कान
मुस्कान
Surya Barman
दोपहर जल रही है सड़कों पर
दोपहर जल रही है सड़कों पर
Shweta Soni
सिय का जन्म उदार / माता सीता को समर्पित नवगीत
सिय का जन्म उदार / माता सीता को समर्पित नवगीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"साम","दाम","दंड" व् “भेद" की व्यथा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
Pramila sultan
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
Rj Anand Prajapati
यही सोचकर आँखें मूँद लेता हूँ कि.. कोई थी अपनी जों मुझे अपना
यही सोचकर आँखें मूँद लेता हूँ कि.. कोई थी अपनी जों मुझे अपना
Ravi Betulwala
छलियों का काम है छलना
छलियों का काम है छलना
©️ दामिनी नारायण सिंह
Loading...