” लहर लहर लहराई तिरंगा “
लहर लहर लहराई तिरंगा,देशवा में शान से
आंख उठाके जे भी देखी जाई अपना जान से
देख फिरंगी डेरा के भगलंऽ
जन जन के अभियान के
बच्चे बुढे जवां जोश
महिलाओं के बलिदान के
सोन चिरैया कहेला लोगवा,प्यारा हऊए प्राण से
आंख उठाके जे भी देखी जाई अपना जान से
भगत, आज़ाद, सुभाष, शिवाजी
देश के अभिमान के
लक्ष्मी, जीजा, पुतलीबाई
शौर्य और स्वाभिमान के
राम कृष्ण क हवे ई नगरी,भरल हऊए ज्ञान से
आंख उठाके जे भी देखी जाई अपना जान से
डंका बजा रहल दुनिया में
इसरो के अभियान के
बालाकोट में सब केहू देखलस
बदलल हिन्दुस्तान के
अहिंसा के परम पुजारी, गांधी जी के शान से
आंख उठाके जे भी देखी जाई अपना जान से
सत् सत् बार नमन हे वीरों
तुम पर नाज़ ज़हान के
कवि “चुन्नू”जी कलम से लिखलें
गाथा देश महान के
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई,रहेलऽ सम्मान से
आंख उठाके जे भी देखी जाई अपना जान से
•••• कलमकार ••••
चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ (उ.प्र.)