लम्बी दूरी। अभिषेक श्रीवास्तव शिवाजी
तुम्हारी नज़रों में जो डाली है नजर मैंने
उन्हीं नजरों को देख अब गुजारा करें हम
कि मिलना हमारा अब यूं मुमकिन नहीं है
मगर फिर भी तुम्हारा नाम पुकारा करें हम
मेरी बात तुमसे करने को बेताब है दिल मगर
तुम्हारी बात को सुन यूं तुम्हें निहारा करें हम
खामोशियों से वास्ता नहीं मेरा फिर भी तुम्हें
लिखने को तन्हाईयों में वक्त गुजारा करें हम
गुजारी है ‘शिवा’ ने तुम्हारी याद में तन्हा कई रात
तुम्हारी यादों को साथ मान रात गुजारा करें हम
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी”
जिला-अनूपपुर, मध्यप्रदेश