Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 1 min read

लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी

लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
ज़िंदगी शमा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी!
दूर दुनिया का मेरे दम से अंधेरा हो जाए!
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए!
हो मेरे दम से यूं ही मेरे वतन की ज़ीनत
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत
ज़िंदगी हो मेरी परवाने की सूरत या-रब
इल्म की शमा से हो मुझ को मोहब्बत या-रब
हो मेरा काम ग़रीबों की हिमायत करना
दर्द-मंदों से ज़ईफ़ों से मोहब्बत करना।
मेरे अल्लाह! बुराई से बचाना मुझ को
नेक जो राह हो उस राह पे चलाना मुझ को।
अल्लामा इक़बाल

2 Likes · 878 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सृष्टि की उत्पत्ति
सृष्टि की उत्पत्ति
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*इन तीन पर कायम रहो*
*इन तीन पर कायम रहो*
Dushyant Kumar
बाण मां सूं अरदास
बाण मां सूं अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
Sandeep Kumar
നിന്റെ ഓർമ്മകൾ
നിന്റെ ഓർമ്മകൾ
Heera S
इसी कारण मुझे लंबा
इसी कारण मुझे लंबा
Shivkumar Bilagrami
#जय_जगन्नाथ
#जय_जगन्नाथ
*प्रणय*
चाहिए
चाहिए
Punam Pande
अकेले बन नहीं सकती कभी गीतों की ये लड़ियाँ !
अकेले बन नहीं सकती कभी गीतों की ये लड़ियाँ !
DrLakshman Jha Parimal
कैसा
कैसा
Ajay Mishra
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
Neeraj Agarwal
एक लंबी रात
एक लंबी रात
हिमांशु Kulshrestha
रब के नादान बच्चे
रब के नादान बच्चे
Seema gupta,Alwar
दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए
दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए
VINOD CHAUHAN
*वर्षा आई ऑंधी आई (बाल कविता)*
*वर्षा आई ऑंधी आई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
अधि वर्ष
अधि वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
Sanjay ' शून्य'
नमाज़ों का पाबंद होकर के अपने
नमाज़ों का पाबंद होकर के अपने
Nazir Nazar
ग़ज़ल _ पास आकर गले लगा लेना।
ग़ज़ल _ पास आकर गले लगा लेना।
Neelofar Khan
साक्षात्कार- पीयूष गोयल-१७ पुस्तकों को हाथ से लिखने वाले
साक्षात्कार- पीयूष गोयल-१७ पुस्तकों को हाथ से लिखने वाले
Piyush Goel
अजीब करामात है
अजीब करामात है
शेखर सिंह
**माटी जन्मभूमि की**
**माटी जन्मभूमि की**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
जीवन - अस्तित्व
जीवन - अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
"इसलिए जंग जरूरी है"
Dr. Kishan tandon kranti
फिर कैसे विश्राम हो कोई ?
फिर कैसे विश्राम हो कोई ?
AJAY AMITABH SUMAN
Being too friendly can sometimes invite disrespect, because
Being too friendly can sometimes invite disrespect, because
पूर्वार्थ
पसंद प्यार
पसंद प्यार
Otteri Selvakumar
23/197. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/197. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी की राहों मे
जिंदगी की राहों मे
रुपेश कुमार
Loading...