लता दीदी को नमन…!
लता दीदी को नमन…!
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राष्ट्रवाद की अलख जगा के ,
अद्भूत स्वर साम्राज्य सजा के ,
धरा गगन से ओझल होकर ,
कहॉं गई तुम,अपनो को रुला के।
खुद झेला था,गम का समुंदर ,
गीत खुशी के गाती तुम थी ।
विरहमयी जीवन अपनाकर ,
प्यार के बोल सुनाती तुम थी ।
तेरे सुर की लय देखकर ,
कोकिल भी तुझसे जलती थी।
पपीहे की मीठी बोली भी ,
तेरे बोल से फीकी लगती थी।
सोया स्वाभिमान था जब,सब जन का ,
फूंका प्राण था तब, हूंकार से उनका ,
उत्साह, उमंग उल्लास जगा था ,
गाया गीत जब -” ऐ मेरे वतन का ”
कैसे श्रद्धांजलि, ये वतन दे तुझको ,
अलविदा कहते, हैं होंठ कंपकपाते।
आंखों में जो पानी, भरा था तुमनें ,
वो पानी तो हैं, अब समुन्दर लगते ।
मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ०६ /०२/ २०२२
माघ, शुक्ल पक्ष , षष्ठी,रविवार
विक्रम संवत २०७८
मोबाइल न. – 8757227201