#लघुकथा
#लघुकथा
■ एक दिन की छूट
【प्रणय प्रभात】
महा-ज़िद्दी चुन्नू हर रोज़ की तरह कल अपनी माँ से नहीं पिटा। ना ही किसी ने चुन्नू के चीखने की आवाज़ सुनी, ना ही उसकी माँ की कर्कश दहाड़।
जिज्ञासावश पूछताछ करने पर पता चला कि कल उसकी सालगिरह थी। सभी को तत्काल समझ में आ गया कि तोहफ़े में पिटाई से एक दिन की छूट भी मिलती है। वो भी भरपूर ऊधम की मोहलत के साथ।
■प्रणय प्रभात■
श्योपुर (मध्यप्रदेश)
😝😝😝😝😝😝😝😝