लघुकथा
बिकने का आरोप
नेताजी झुग्गी-झोपड़ी बस्ती में गए। सभी झुग्गी वासी खुश हुए।
नेता जी ने सबका हाल-चाल पूछा।
यह बस्ती हमेशा से नेता जी के साथ रही है। नेता जी जब सत्ता में थे, तब भी साथ रही। नेता जी जब हारे तो बुरे समय में भी साथ रही।
जबकि शहर की बड़ी हस्तियाँ विजय रेवड़ी, सुरेन्द्र मेहता, रघुवीर, डोकमचंद पिंकु, व और भी अनेक फन्ने खां जिन्होंने नेता जी व सत्ता का भरपूर उपभोग किया। अब नेता जी चुनाव हार गए। उनकी पार्टी भी विपक्ष में है।
लेकिन उपरोक्त तमाम हस्तियाँ सत्ता पक्ष के साथ हैं। सत्ता का उपभोग पूर्ववत जारी है। बिकने का आरोप आज भी गरीबों- वंचितों पर है।
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– विनोद सिल्ला