Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2021 · 2 min read

लघुकथा- “पुनर्विवाह”-राजीव नामदेव “राना लिधौरी”

लघुकथा-“पुनर्विवाह’’
-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’

मुंबई में एक साठ वर्षीय पुरुष ने पत्नी की मृत्यु के तीन महीने बाद ही दूसरा विवाह एक विधवा स्त्री से कर लिया। जब हमने उनसे कहा कि- तुम्हें शर्म नहीं आती, पत्नी को मरे अभी तीन माह ही गुज़रे हैं और तुमने दूसरा विवाह कर लिया ?

बच्चों के बारे में सोचा है उनका क्या होगा? वे आपको क्या कहेंगे कि ‘चढ़ी जवानी बुढ्ढे़ नू’।

उन्होंने बडे़ ही शांत होकर जबाब दिया- मैंने अपने दोनों बच्चों से पूछकर ही यह विवाह किया, क्योंकि कि मेरे दोनाें बच्चे विदेश में रहते हैं। मैं वहाँ जा नहीं सकता और वे यहाँ भारत में आना नहीं चाहते।

अब इतना बड़ा घर अकेले में मुझे काटने को छोड़ता है और नौकरों के भरोसे कब तक रहूँगा, क्या आजकल के नौकरों पर इतना विश्वास किया जा सकता है ? इसलिए मैंने दोबारा विवाह करने का फैसला लिया है।

वह औरत कम से कम घर की देखभाल तो मुझसे बेहतर करेगीं और बुढ़ापे मेें मेरा भी ख्याल रखेगी, इससे मेरा अकेलापन भी दूर हो जाएगा और समाज व मुहल्ले में मेरा मान-सम्मान भी बढ़ जाएगा कि मैंने एक विधवा को सहारा दिया है।

मुझे उनका यह निर्णय उचित लगा। मैंने उन्हें कहा यह आपने बहुत अच्छा किया ‘एक पंथ दो काज हो गए’। विधवा से विवाह कर समाज सेवा भी हो गयी और घर भी फिर से बस गया।
###
@ राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
(मेरी उपरोक्त लघुकथा मौलिक एवं स्वरचित है।)

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 276 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all
You may also like:
चाहे जितनी हो हिमालय की ऊँचाई
चाहे जितनी हो हिमालय की ऊँचाई
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
■ अपनी-अपनी मौज।
■ अपनी-अपनी मौज।
*प्रणय प्रभात*
किताबें
किताबें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
पूर्वार्थ
साधना से सिद्धि.....
साधना से सिद्धि.....
Santosh Soni
सन्यासी का सच तप
सन्यासी का सच तप
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पहले एक बात कही जाती थी
पहले एक बात कही जाती थी
DrLakshman Jha Parimal
सज़ा-ए-मौत भी यूं मिल जाती है मुझे,
सज़ा-ए-मौत भी यूं मिल जाती है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हर पाँच बरस के बाद
हर पाँच बरस के बाद
Johnny Ahmed 'क़ैस'
टाईम पास .....लघुकथा
टाईम पास .....लघुकथा
sushil sarna
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
gurudeenverma198
सन्देश खाली
सन्देश खाली
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गिला,रंजिशे नाराजगी, होश मैं सब रखते है ,
गिला,रंजिशे नाराजगी, होश मैं सब रखते है ,
गुप्तरत्न
* फागुन की मस्ती *
* फागुन की मस्ती *
surenderpal vaidya
Where is love?
Where is love?
Otteri Selvakumar
क्षणिकाए - व्यंग्य
क्षणिकाए - व्यंग्य
Sandeep Pande
अपनी समस्या का समाधान_
अपनी समस्या का समाधान_
Rajesh vyas
स्त्री
स्त्री
Dinesh Kumar Gangwar
"लक्ष्य"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी को इस तरह
ज़िंदगी को इस तरह
Dr fauzia Naseem shad
रामपुर में थियोसॉफिकल सोसायटी के पर्याय श्री हरिओम अग्रवाल जी
रामपुर में थियोसॉफिकल सोसायटी के पर्याय श्री हरिओम अग्रवाल जी
Ravi Prakash
मैं नहीं तो कोई और सही
मैं नहीं तो कोई और सही
Shekhar Chandra Mitra
प्रार्थना
प्रार्थना
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
"मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! "
Atul "Krishn"
जीने की राह
जीने की राह
Madhavi Srivastava
🤔🤔🤔समाज 🤔🤔🤔
🤔🤔🤔समाज 🤔🤔🤔
Slok maurya "umang"
* लक्ष्य सही होना चाहिए।*
* लक्ष्य सही होना चाहिए।*
नेताम आर सी
धनिकों के आगे फेल
धनिकों के आगे फेल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हिसाब हुआ जब संपत्ति का मैंने अपने हिस्से में किताबें मांग ल
हिसाब हुआ जब संपत्ति का मैंने अपने हिस्से में किताबें मांग ल
Lokesh Sharma
Loading...