लगा तो तीर नहीं तो तुक्का l
लगा तो तीर नहीं तो तुक्का l
लगे रहो, कर इरादा पक्का ll
हवा सा रहो, बहो ओ पसरो l
हार ने क्यों, टोका ओ रोका ll
सबसे असल अहम बात यह l
मान ही लो, आयेगा मौका ll
उष्ण में प्रकृति छाँव नीचे l
आ ही जाता, हवा का झोका ll
शर्द में, सहज शर्द से बचना l
दे दो शर्द में, खुद को धक्का ll
मिट मिट कर भी, नही है मिटता l
एसा होवे, इश्क का चस्का ll
पल पल घूम घूम, आत रहता l
प्यास तो तेज, दुखों का चक्का ll
लगा तो तीर नहीं तो तुक्का l
लगे रहो, कर इरादा पक्का ll
अरविन्द व्यास “प्यास”