Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2022 · 1 min read

लगता है __यह अच्छा हुआ _गजल

घर से निकला था मैं तो सफ़र के लिए ।
हमसफ़र बन गए तुम यह अच्छा हुआ।।
तुमने मुझे को चुना चुन लिया हमने तुमको ।
प्यार अपना तो यारा यह सच्चा हुआ।।
टूट जाते हैं वादे कितनो के ही यहां ।
लगता है प्यार उनका यह कच्चा हुआ।।
बोले दद्दा चलना संभलकर जहान में।
सुनता कहां है कैसा यह बच्चा हुआ ।।
राजेश व्यास अनुनय

3 Likes · 113 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
1 *मेरे दिल की जुबां, मेरी कलम से*
1 *मेरे दिल की जुबां, मेरी कलम से*
Dr Shweta sood
उम्मीदों के आसमान पे बैठे हुए थे जब,
उम्मीदों के आसमान पे बैठे हुए थे जब,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
“गणतंत्र दिवस”
“गणतंत्र दिवस”
पंकज कुमार कर्ण
हे गुरुवर तुम सन्मति मेरी,
हे गुरुवर तुम सन्मति मेरी,
Kailash singh
एक तरफ़ा मोहब्बत
एक तरफ़ा मोहब्बत
Madhuyanka Raj
सत्यता वह खुशबू का पौधा है
सत्यता वह खुशबू का पौधा है
प्रेमदास वसु सुरेखा
एक हसीं ख्वाब
एक हसीं ख्वाब
Mamta Rani
"शहर की याद"
Dr. Kishan tandon kranti
मौसम सुहाना बनाया था जिसने
मौसम सुहाना बनाया था जिसने
VINOD CHAUHAN
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
डी. के. निवातिया
चली पुजारन...
चली पुजारन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ଡାକ ଆଉ ଶୁଭୁ ନାହିଁ ହିଆ ଓ ଜଟିଆ
ଡାକ ଆଉ ଶୁଭୁ ନାହିଁ ହିଆ ଓ ଜଟିଆ
Bidyadhar Mantry
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
Manisha Manjari
बेवफाई मुझसे करके तुम
बेवफाई मुझसे करके तुम
gurudeenverma198
काश.......
काश.......
Faiza Tasleem
किसका  हम शुक्रिया करें,
किसका हम शुक्रिया करें,
sushil sarna
*मतलब इस संसार का, समझो एक सराय (कुंडलिया)*
*मतलब इस संसार का, समझो एक सराय (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
Bhupendra Rawat
पढ़े-लिखे पर मूढ़
पढ़े-लिखे पर मूढ़
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
🌳😥प्रकृति की वेदना😥🌳
🌳😥प्रकृति की वेदना😥🌳
SPK Sachin Lodhi
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
(दम)
(दम)
महेश कुमार (हरियाणवी)
इस महफ़िल में तमाम चेहरे हैं,
इस महफ़िल में तमाम चेहरे हैं,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दिल में हमारे
दिल में हमारे
Dr fauzia Naseem shad
आजादी दिवस
आजादी दिवस
लक्ष्मी सिंह
जमाने में
जमाने में
manjula chauhan
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
Ram Krishan Rastogi
मईया कि महिमा
मईया कि महिमा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...