र्शीर्षक # बस चलिए
जिंदगी है धोखा खाते चलिए
अपने दिल को बहलाते चलिए
कोइ दुश्मन बन कर जो आए
उसे भी अपना बनाते चलिए
यहां अपना बेगाना कोई नहीं
हर रिश्ते को निभाते चलिए
दूर हो जाएंगी सारी मुश्किलें
उनसे आँख मिलाते चलिए
मिलेगी मंजिल जरुर आपको
बस अपनी राह बनाते चलिए
स्वरचित डॉ.विभ रजंन(कनक)