**** रोशनी हो गई ****
**** रोशनी हो गई ****
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चैन दिल को मेरे मिल……गया.।
रात दीद जब आपकी हो गई.।
दुपट्टा आपने जरा क्या सरकाया.।
मोहल्ले मे खलबली हो…गई.।
देखा हमे आपने कुछ इस कदर.।
सबकी नजर टेढी हो….. गई.।
आयीं क्या आप जिंदगी मे मेरे.।
तिशनगी मेरी दूर हो….. गई .।
साथ आपका हमे क्या….मिला.।
खुशनुमा अपनी जिंदगी हो गई.।
मिल गई मुझको मेरी…..मंजिल.।
जिंदगी हसीन मेरी हो….. .गई.।
फैली आपके हुस्न की यूँ चांदनी.।
रोशनी भी थोड़ी मैली हो…गई.।
आपसे हीं हुई दिल्लगी अपनी .।
आप हीं मेरी संगीनी हो गई.।
रब ने की ऐसी खुशी नजर “सुदामा”
मेरे सूने घर मे भी रोशनी हो गई.।
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विनोद सिन्हा-“सुदामा”