रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
मैने तुझे मांगा जब भी टूटता हुवा तारा देखा है
तेरी जैसी महक यहां किसी फूल में नहीं
यकीन कर मेरा मैने हर बाग देखा है ।
रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
मैने तुझे मांगा जब भी टूटता हुवा तारा देखा है
तेरी जैसी महक यहां किसी फूल में नहीं
यकीन कर मेरा मैने हर बाग देखा है ।