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29 May 2024 · 1 min read

रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है

रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
मैने तुझे मांगा जब भी टूटता हुवा तारा देखा है
तेरी जैसी महक यहां किसी फूल में नहीं
यकीन कर मेरा मैने हर बाग देखा है ।

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