Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2024 · 1 min read

रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है

रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
मैने तुझे मांगा जब भी टूटता हुवा तारा देखा है
तेरी जैसी महक यहां किसी फूल में नहीं
यकीन कर मेरा मैने हर बाग देखा है ।

1 Like · 38 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुत्तज़िन्दगी / Musafir baithA
कुत्तज़िन्दगी / Musafir baithA
Dr MusafiR BaithA
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
उड़ चल रे परिंदे....
उड़ चल रे परिंदे....
जगदीश लववंशी
2697.*पूर्णिका*
2697.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
@ranjeetkrshukla
@ranjeetkrshukla
Ranjeet Kumar Shukla
बेअदब कलम
बेअदब कलम
AJAY PRASAD
कहानी इश्क़ की
कहानी इश्क़ की
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
होली का त्यौहार
होली का त्यौहार
Shriyansh Gupta
// दोहा ज्ञानगंगा //
// दोहा ज्ञानगंगा //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"तिलचट्टा"
Dr. Kishan tandon kranti
साल ये अतीत के,,,,
साल ये अतीत के,,,,
Shweta Soni
🌸 आने वाला वक़्त 🌸
🌸 आने वाला वक़्त 🌸
Mahima shukla
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
gurudeenverma198
*मित्र*
*मित्र*
Dr. Priya Gupta
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
चिंतन और अनुप्रिया
चिंतन और अनुप्रिया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
दिखावे के दान का
दिखावे के दान का
Dr fauzia Naseem shad
चन्द्रशेखर आज़ाद...
चन्द्रशेखर आज़ाद...
Kavita Chouhan
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
9) “जीवन एक सफ़र”
9) “जीवन एक सफ़र”
Sapna Arora
आंखें मूंदे हैं
आंखें मूंदे हैं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
जब टूटा था सपना
जब टूटा था सपना
Paras Nath Jha
#संस्मरण
#संस्मरण
*प्रणय प्रभात*
भव- बन्धन
भव- बन्धन
Dr. Upasana Pandey
Digital Currency: Pros and Cons on the Banking System and Impact on Financial Transactions.
Digital Currency: Pros and Cons on the Banking System and Impact on Financial Transactions.
Shyam Sundar Subramanian
एक रूपक ज़िन्दगी का,
एक रूपक ज़िन्दगी का,
Radha shukla
मैं निकल गया तेरी महफिल से
मैं निकल गया तेरी महफिल से
VINOD CHAUHAN
कैसा हो रामराज्य
कैसा हो रामराज्य
Rajesh Tiwari
मंदिर का न्योता ठुकराकर हे भाई तुमने पाप किया।
मंदिर का न्योता ठुकराकर हे भाई तुमने पाप किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
दिये को रोशन बनाने में रात लग गई
दिये को रोशन बनाने में रात लग गई
कवि दीपक बवेजा
Loading...