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8 Jan 2020 · 1 min read

— रोज रोज आँखों तले —

रोज रोज आँखों तले
बस इक ही सपना पले
सुबह का निकला मानव घर से
सुख शान्ति से घर पर आ मिले !!

न दुःख मिले न जयादा सुख मिले
जिंदगी यूं ही चलती रहे
आना जाना ठीक से हो उस का
शाम को बच्चों के संग घुले मिले !!

ठोकर न लगे किसी अनजान की
आराम से रास्ता कटता रहे
न हो किसी से मुंह भाषा
जिस से भी मिले बस प्रेम से मिले !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
254 Views
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