रोज डे अपना मनाती शायरी
रोज डे अपना मनाती शायरी
साथ तेरा फिर मिलाती शायरी
पास मुझको जब बुलाता रोज तू
भाव सुंदर तब जगाती शायरी
बात दिल मेरा कहे जब आपसे
आह में तेरी समाती शायरी
जब मुझे प्रपोज करता वो तभी
प्यार भंगिमा से सजाती शायरी
वीक वैलेंटा मना कर यहाँ
जिन्दगी को राह लाती शायरी
प्रेम हो जाये किसी से जब कभी
रात में नींदें उड़ाती शायरी
हो गये पागल इश्क में अब सभी
तब सदा खुद को भुलाती शायरी
जब नजर से मिल नजर हो एक तब
आशिकों को यूँ सताती शायरी
बेवफा जब आपसे कोई करे
मौत युगलों को दिलाती शायरी