रूमानी शाम
रोज किसी बहाने से
फोन पर अक्सर
उनसे हमारी
बात हो जाती थी ।
आफिस के काम से
हफ्ते मे एक दो बार
उनसे हमारी
मुलाकात हो जाती थी ।
फुरसत के क्षणो मे
कभी कभार
प्यार की सदाबहार
चाय भी हो जाती थी ।
उनके पास रहने से
खुद-ब-खुद
गुजरती हर शाम
रूमानी हो जाती थी ।।
राज विग 18.06.2021