Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2020 · 1 min read

–रूक जा —

वकत से हैं दिन रात
वक्त कभी रूकता नहीं
वक्त के संग संग चल
यह किसी के लिए ठहरता नहीं

दुनिआ आती जाती रहेगी
मेले यहाँ लगते सजते रहेंगे
महफिले सजती रहेंगी
वकत के संग गुजरती रहेंगी

इंसान आएंगे हर रूप में
यादें सजायेंगे सब के संग
वक्त की रफ़्तार नहीं थमेगी
चले जाएंगे सब छोड़ अपने बदन

किसी के कहने से नहीं रूका वक्त
किसी के लिए नहीं थमा यह वक्त
वकत की रफ़्तार रोक न पाया कोई
याद अगर रहेगा तो बस..रहेगा “वक्त”

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Comment · 185 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
Arghyadeep Chakraborty
संसाधन का दोहन
संसाधन का दोहन
Buddha Prakash
वो मेरी कविता
वो मेरी कविता
Dr.Priya Soni Khare
मेरी फितरत है बस मुस्कुराने की सदा
मेरी फितरत है बस मुस्कुराने की सदा
VINOD CHAUHAN
इक पखवारा फिर बीतेगा
इक पखवारा फिर बीतेगा
Shweta Soni
दुश्मन ने छल-बल के बूते अपनी शातिर चालों से,
दुश्मन ने छल-बल के बूते अपनी शातिर चालों से,
*प्रणय*
जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,
जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम जा चुकी
तुम जा चुकी
Kunal Kanth
प्रोटोकॉल
प्रोटोकॉल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
छोटी सी बात
छोटी सी बात
Kanchan Khanna
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अरसा हो गया हमको किसी से कहे हुए...!
अरसा हो गया हमको किसी से कहे हुए...!
AVINASH (Avi...) MEHRA
3343.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3343.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
समझौता
समझौता
Shyam Sundar Subramanian
गौरी सुत नंदन
गौरी सुत नंदन
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
इस दिवाली …
इस दिवाली …
Rekha Drolia
सवाल ये नहीं
सवाल ये नहीं
Dr fauzia Naseem shad
এটা বাতাস
এটা বাতাস
Otteri Selvakumar
“फेसबूक मित्रों की बेरुखी”
“फेसबूक मित्रों की बेरुखी”
DrLakshman Jha Parimal
खेल संग सगवारी पिचकारी
खेल संग सगवारी पिचकारी
Ranjeet kumar patre
कुण्डल / उड़ियाना छंद
कुण्डल / उड़ियाना छंद
Subhash Singhai
"आग और पानी"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
आशीष के दीप है जलाती,
आशीष के दीप है जलाती,
Dr Archana Gupta
लोभ मोह ईष्या 🙏
लोभ मोह ईष्या 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जन्मदिन के मौक़े पिता की याद में 😥
जन्मदिन के मौक़े पिता की याद में 😥
Neelofar Khan
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
Manisha Manjari
संत रविदास!
संत रविदास!
Bodhisatva kastooriya
Loading...