रुक जाओ समय
रुक जाओ समय
जी लेने दो मस्ती के पल
रुक जाओ ज़रा
होने दो कुछ हल चल
रुक जाओ समय।
करने दो चाहत पूरी
जो हो न पाई
खिलने दो बन्द कली
सिमटी सकुचाई
अधरों पर हो मुस्कान
हों नयन सजल
रुक जाओ समय।
अहसास करूं धड़कन का
खो जाऊं मैं
सुर ताल सुनूं जीवन का
हो जाऊं मैं
निश्चल से जीवन में
स्पन्दन हो पल पल
रुक जाओ समय।
नयनों को दीप्त करूँ
देखूँ जन जन
तन मन में तेज़ भरूं
घूमूं वन उपवन
खुशियों से भरा रहे
जीवन आँचल
रुक जाओ समय।
चेहरे के सलवट को
थोड़ा सहला लूँ
आगन्तुक के अभिवादन को
घर बार सज़ा लूँ
साँसों की आहट में
हों गीत नवल
रुक जाओ समय।
दुखकर आभासों का
हो सुखद विलय
बन जाये शांति द्वीप
यह हृदय निलय
मुझको छू तक न पाए
यह काल विकल
रुक जाओ समय।
विपिन