दिल ने गुस्ताखियाॅ॑ बहुत की हैं जाने-अंजाने
बरसात
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
प्रेमी से बिछोह का अर्थ ये नहीं होता कि,उससे जो प्रेम हैं
ऐसी फूलों की एक दुकान उस गली मैं खोलूंगा,
The darkness engulfed the night.
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यारो ऐसी माॅं होती है, यारो वो ही माॅं होती है।
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
ఇదే నా భారత దేశం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*सुंदर दिखना अगर चाहते, भजो राम का नाम (गीत)*
पवित्र श्रावण माह के तृतीय सोमवार की हार्दिक बधाई। कल्याणकार
ग़ज़ल __आशिकों महबूब से सबको मिला सकते नहीं ,
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।