रिश्तो में मिठास भरते है।
जिन्दगी मे कई ऐसे मुकाम आएँ
जब हमने रिश्तो को और
रिश्तो ने हमें है अजमाएँ ।
चलो एक बार अजमाने का
दौर खत्म करते है।
फिर से रिश्तो मे प्यार ढूँढते है।
चलो एक बार फिर से रिश्तो मे
जज्बात की दरिया को खोलते है।
गिले-शिकवे कहाँ पर है दिलों मे
उसको फिर से एकबार टटोलते है।
दूर कर मन से सारे गिले-शिकवे को
आपस मिलजुल कर रहते है।
चलो एक बार फिर से
रिश्तो मे प्यार का रंग भरते है।
जीवन बड़ी छोटी है
क्यो मन मे खट्टास भर कर रहे।
चलो एक बार फिर से
अपनो के साथ बैठकर
जीवन मे मीठास भरते है।
अफसोस न हो कल किसी बात का
इसलिए आज अपनो के सामने
दिल खोलकर रखते है।
बहुत दौड़ लिए जिन्दगी का रेस
अब कुछ पल अपनो के साथ
सकून से बैठते है।
चलो एक बार फिर से
सब साथ-साथ सब मिलकर
हँसने की महफिल लगाते है।
फिर से सब मिलकर तारे गिनते है।
पुरानी यादों के साये मे फिर से
अपनो को पास बुलाते है।
छुट गए थे जो अपने कही पर
चलो एक बार फिर से उनको
एकसाथ लाने की पहल करते है।
अपनो के संग जिन्दगी का
भरपूर मजा फिर से उठाते है।
~अनामिका