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2 Feb 2021 · 1 min read

#गीत//

मिलना जुलना हो जाता है ,
शोक ख़ुशी के आने से।
रिश्ते-नाते जी पाते हैं ,
दिल से दिल मिल जाने से।।

रीत बनाई हैं मानव ने ,
मन उर प्रीत जगाने को।
इंसानी फ़र्ज़ निभाने को ,
नाते नये बनाने को।

चाँद गगन में चमकें जैसे ,
सूरज प्रेम दिखाने से।
रिश्ते-नाते जी पाते हैं ,
दिल से दिल मिल जाने से।।

चीज़ बड़ी हर सही कर्म से ,
रूप बड़ा हो या छोटा।
भाव लिए वो कविता मनहर ,
छंद बड़ा हो या छोटा।

ज़ख्म बड़ा भी भर जाता है ,
मरहम सही लगाने से।
रिश्ते-नाते जी पाते हैं ,
दिल से दिल मिल जाने से।।

जोश रहे तन होश रहे मन ,
जीवन उत्सव तब होगा।
प्रेम भाव में शान बढ़ेगी ,
जीवन उत्सव तब होगा।

पीर परायी नीर कहेगी ,
होंगे बड़े हँसाने से।
रिश्ते-नाते जी पाते हैं ,
दिल से दिल मिल जाने से।।

मिलना जुलना हो जाता है ,
शोक ख़ुशी के आने से।
रिश्ते-नाते जी पाते हैं ,
दिल से दिल मिल जाने से।।

#आर.एस.’प्रीतम’
#सर्वाधिकार सुरक्षित गीत

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 240 Views
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