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30 Nov 2016 · 1 min read

रिश्ता

विषय- रिश्ता

रिश्तों का अब कत्ल हो रहा सरेआम बाज़ार में।
पतन मानव का हो चला बर्ताव मे आचार में॥
बेटे ने अब माता का दूध लजाकर रख डाला।
और बहू ने सास को महरी बनाकर रख डाला॥
सभी कर्ज भुलाकर ब्च्चे पिता पर हाथ उठाते है।
उनका किया भुलकर किए पालन को भूल जाते है॥
भाई बहन का दुश्मन जहाँ, वो साथ चल सकते है।
रही अगर यही हालत तो रिश्ते नही बच सकते है॥

नमन जैन नमन

Language: Hindi
337 Views
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