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8 Aug 2021 · 1 min read

रिमझिम

रिमझिम

रिमझिम
वर्षा की बूँदें
मेरे आँगन आई
टप टप बूँदों स्वर
मन आँगन मदकाए।

कलियाँ सारी
खिल गई क्यारी
फूलों की खुशबू महकी
तितलियाँ रंगबिरंगी चहकी
बच्चों की किलकारियाँ बहकीं।

रिमझिम झड़ी
लगी सावन की लड़ी
त्योहार की बेला खड़ी
नमः शिवाय ,शिव गंगा बही
तीज ,राखी सब अब तैयार खड़ी।

रिमझिम वर्षा
माँ धरती का श्रृंगार
प्रकृति रुप चढ़ा अपार
किसान आँगन आई बहार
प्रभु की माया सदा अपरम्पार।

नीरजा शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 582 Views
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