रिजल्ट
दरवाजा खटखटाने की आवाज आई, नवीन ने दरवाजा खोला तो सामने गांव के बचपन के मित्र शर्मा जी खड़े थे, जो राजधानी में ही डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ थे। नवीन में आत्मिक अभिनंदन करते हुए शर्मा जी को अंदर बिठाया, हालचाल पूछने लगे शर्मा जी बोले 2 वर्ष से तुम राजधानी में ट्रांसफर होकर आए हो, आज तक तुम नहीं मिले, पिछले हफ्ते गांव गया था, तुम्हारे पिताजी से मुलाकात हुई थी, उन्हीं से तुम्हारा पता ले लिया था सो चला आया मिलने। यार मकान तो तुमने बहुत ही छोटा लिया है। क्या करें शर्मा जी मुझे तो महंगाई और इतनी कम सैलरी मैं यह भी भारी पड़ रहा है, बच्चे पढ़ रहे हैं राजधानी महंगी भी है। यार नवीन तुम मेरे पास आते मैं सरकारी आवास आवंटित करवा देता, यार तुम ऐसा ही सीधा साधा है, जैसे बचपन में हुआ करता था, खैर अब आना कभी फिर देखेंगे। बच्चे क्या कर रहे हैं? बड़ा बच्चा हार्ड सेकेंडरी में है, सरकारी स्कूल में पढ़ रहा है, क्या सब्जेक्ट दिलाया है बायोलॉजी अरे बहुत काम्पटीशन है, कहीं कोचिंग कराई या नहीं? लाखों की फीस मेरे पास कहां? अरे नवीन बच्चों के लिए करना पड़ता है, कहां से करूं शर्मा जी माता पिता की जवाबदारी है, सरकारी स्कूल में बमुश्किल पढ़ा रहा हूं। आपके बच्चे क्या कर रहे हैं? आपका बच्चा तो मेरे बच्चे से 2 साल बड़ा है। अरे नवीन इंटरनेशनल एकेडमी में पढ़ा है, पांच लाख सालाना फीस लगती थी, 2 साल से कोचिंग कर रहा है सारी सुविधाएं मुहैया कराई हैं, स्कूल जाने के लिए डेढ़ लाख की मोटरसाइकिल, लैपटॉप,एक लाख का तो मोबाइल दिलाया है आज कल आनलाइन का जमाना है। लाखों रुपए कोचिंग का दे ही रहा हूं, भाई मैं तो आंख बंद कर बच्चों पर खर्च करता हूं, कंपटीशन के जमाने में तभी दो बच्चे आगे बढ़ेंगे। नवीन ने हां में हां मिलाई, नवीन बोला शर्मा जी मेरे पास तो संस्कार के सिवा कुछ नहीं है। पुरानी साइकिल दिला दी थी उसी से स्कूल जाता था। ट्यूशन कोचिंग कुछ ना दिला सका, फिर भी इस वर्ष पीएमटी का एग्जाम दिया है, सुना है आज रिजल्ट आने वाला है, हां आज आएगा, तभी नवीन का बेटा प्रकाश हाथ में पेपर लेकर दौड़ते हुए आया, पापा मैं पीएमटी में सिलेक्ट हो गया, नवीन ने बेटे को गले लगाते हुए कहा, बेटा यह शर्मा अंकल हैं, अपने ही गांव के हैं, प्रकाश में चरण छुए। अगले ही पल शर्मा जी का मोबाइल बजा शर्मा जी ने फोन उठाया आवाज आई मैं थाने से बोल रहा हूं, आपका बेटा हमारी हिरासत में है, कुछ लड़के लड़कियां रेव पार्टी करते पकड़े गए हैं, आप शीघ्र थाने आईए। शर्मा जी के चेहरे की हवाइयां उड़ गईं, नवीन ने कहा क्या बात है? आप कुछ घबरा गए हैं,? कोई चिंता की बात नहीं है, बच्चे हैं, मैं चलता हूं क्या रिजल्ट बिगड़ गया हैं? हां यार बाद में बताऊंगा, और शर्मा जी शीघ्र रवाना हो गए।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी