राही
उस पथ पर चला, जहां मिले तुझे प्यार मान सम्मान, तू मन का कहना मान, भोले इंसान।
उस पथ पर चल, दूजे के दुख कर हरण और आगे बढ़, ना कर एहसान, बस चलता चल इंसान।
उस पथ पर चल जहां मिले गोरी, जिस से बंधी है तेरे जीवन की डोरी, यही है तेरी खुशियों की तिजोरी।
उस पथ पर चल बढ़ता चल, तुझे वही मिलेंगे भगवान उस पथ पर चल भोले इंसान।