रास्ता भी ढूंढ़
दूसरों को देखकर उस राह पर क्यों जा रहा है
अपनी मंजिल देख उसका रास्ता भी ढूंढ
देख रुख मझधार का तू अपनी कश्ती को चला
पार तट के देख उसका रास्ता भी ढूंढ
समस्या में उलझकर क्यों रात भर सोता नहीं
सोच उसका हल और उसका रास्ता भी ढूंढ
पीले थे पत्ते समय आया तो झर गए पेड़ से
नव सृजन को लेख उसका रास्ता भी ढूंढ
मिलेंगी पगडंडियां पथ की कभी सीधी नहीं
हुनर चलने का सीख उसका रास्ता भी ढूंढ